भीषण गर्मी में वन्यजीवों की प्यास बुझाने में जुटी मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी, ग्राम रोटू में पहुंचाया गया शुद्ध पेयजल

रोटू — प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी और सूखते जलस्रोतों ने वन्य जीवों एवं पक्षियों के जीवन को संकट में डाल दिया है। ऐसे कठिन समय में मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी एक प्रेरणादायक पहल के रूप में सामने आई है। सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन राम जी लोमरोड़ के नेतृत्व में संस्था की पूरी टीम निरंतर प्रयासरत है कि जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले वन्य जीवों और पक्षियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए।

हर वर्ष गर्मियों में यह संगठन अपने संसाधनों के माध्यम से जल संकट से जूझ रहे जीवों की प्यास बुझाने का कार्य करता आ रहा है। इसी क्रम में आज ग्राम रोटू के वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं द्वारा विशेष अभियान चलाकर जल वितरण किया गया। इस मानवीय पहल के तहत विशेष रूप से उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई, जहां पानी की अनुपलब्धता के कारण जीवों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चली है।

इस अभियान का संचालन प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन राम जी लोमरोड़ के निर्देशानुसार किया गया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम ज्याणी, जिला प्रवक्ता महेन्द्र गुर्जर, सुरेन्द्र भादू, अतुल लोमरोड़ सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय रूप से मौजूद रहे।

श्री लोमरोड़ ने इस अवसर पर कहा, "प्रकृति और जीवों के बीच संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम उन्हें संरक्षण नहीं देंगे, तो पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो जाएगा। हमारी कोशिश है कि गर्मी के इस कठिन समय में कोई भी प्राणी प्यासा न रहे।"

संस्था की इस सराहनीय पहल की स्थानीय प्रशासन एवं ग्रामीणों ने भी प्रशंसा की है। यह कार्य न केवल मानवता की मिसाल है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रभावशाली कदम भी है।

भीषण गर्मी में वन्यजीवों और पशु-पक्षियों के लिए "मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी" बनी संजीवनी

राजस्थान — बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी ने जहां आमजन को परेशान किया है, वहीं वन्यजीवों और पशु-पक्षियों के लिए भी यह मौसम जीवन संकट बनकर सामने आया है। जल स्रोतों के सूख जाने से इन बेजुबानों के लिए पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

ऐसे कठिन समय में "मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी" राज के प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन राम लोमरोड़ और उनकी समर्पित टीम एक संजीवनी के रूप में सामने आई है। संस्था द्वारा वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में बनाए गए जल स्रोतों में नियमित रूप से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है, ताकि इन जीवों की प्यास बुझाई जा सके।

विशेष बात यह है कि यदि किसी क्षेत्र से जल स्रोत सूखने की सूचना सूर्यास्त के बाद भी प्राप्त होती है, तो टीम उसी समय पानी लेकर मौके पर पहुंच जाती है। यह त्वरित सेवा संस्था की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाती है।

मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी की यह पहल न केवल सराहनीय है, बल्कि अन्य संस्थाओं और आमजन के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।

"राजस्थान की 'मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी' द्वारा चलाए जा रहे 'पर्यावरण बचाओ मुहिम' के अंतर्गत, प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन राम लोमरोड़ के निर्देशानुसार आज कार्यकर्ताओं ने भीषण गर्मी से प्रभावित सूखते पेड़-पौधों को जल प्रदान कर पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।"

प्रकृति प्रेम की अनूठी मिसाल: मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी ने भीषण गर्मी में वन्यजीवों के लिए सुनिश्चित किया जलापूर्ति

रोटू, राजस्थान: तेज़ गर्मी और जलस्रोतों के सूख जाने से जूझ रहे वन्य जीवों एवं पक्षियों के लिए मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी ने एक प्रेरणादायक पहल करते हुए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की है। यह सराहनीय प्रयास सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन राम लोमरोड़ के नेतृत्व में ग्राम रोटू के आसपास के वन क्षेत्रों में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर श्री लोमरोड़ ने कहा, "वन्यजीवों का संरक्षण केवल सरकार की नहीं, हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रकृति के ये निःशब्द प्राणी भी जीवन के लिए आवश्यक मूलभूत संसाधनों से वंचित न रहें।"

सोसायटी की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

पिता बन निर्धन परिवार की बेटी का किया कन्यादान

राजस्थान: मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी के कार्यालय में बुधवार को एक भावनात्मक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब गाजे-बाजे के साथ एक बारात कार्यालय परिसर में पहुंची। कार्यकर्ता मेजबानों की भूमिका में बारातियों की अगवानी कर रहे थे। यह आयोजन किसी साधारण समारोह का नहीं, बल्कि समाज सेवा की एक मिसाल का प्रतीक था।

सोसायटी ने एक निर्धन परिवार की पुत्री सुनीता का विवाह अपने स्तर पर आयोजित किया। यह परिवार मूलतः बिहार का निवासी है और पिछले कई वर्षों से चूना भट्टा क्षेत्र में मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा है। परिवार के मुखिया अयोध्या प्रसाद का 15 वर्ष पूर्व निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी दुलारी देवी पर तीन बेटियों के पालन-पोषण का समूचा भार आ गया।

जब बड़ी बेटी सुनीता विवाह योग्य आयु में पहुंची, तो उसका रिश्ता जायल निवासी रामकिशोर से तय हुआ। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते विवाह समारोह आयोजित कर पाना परिवार के लिए असंभव प्रतीत हो रहा था। इस परिस्थिति को देखते हुए मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष श्री अर्जुनराम लोमरोड़ ने न केवल विवाह के सभी खर्चों का वहन किया, बल्कि अपने कार्यालय परिसर में पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ विवाह संपन्न करवाया।

बुधवार रात को श्री लोमरोड़ ने पिता की भूमिका निभाते हुए विधिवत कन्यादान किया। इस अवसर पर स्थानीय समुदाय के कई गणमान्य लोग और सोसायटी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आयोजन ने यह संदेश दिया कि यदि समाज संगठित होकर सहयोग की भावना से आगे आए, तो कोई भी असहाय अकेला नहीं रह सकता।

पर्यावरण और जीवों के प्रति समर्पण की मिसाल है मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी

जायल (नागौर): मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान का प्रदेश मुख्य कार्यालय न केवल एक प्रशासनिक परिसर है, बल्कि यह जीवों के प्रति प्रेम, संवेदनशीलता और संरक्षण के जज़्बे का प्रतीक भी है। सोसायटी की ओर से प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के साथ ही पक्षियों के लिए चुग्गा डाला जाता है, गायों को गुड़ और बाजरे की खुराक दी जाती है, और परिसर में रखी जल की खेलियों को शुद्ध, मीठे पानी से भरा जाता है।

यह नज़ारा केवल एक नियमित दिनचर्या नहीं, बल्कि एक जीवंत उदाहरण है कि किस प्रकार संगठन प्रकृति, वन्य जीवों और पशु-पक्षियों के साथ सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा दे रहा है। इन प्रयासों से न केवल स्थानीय पक्षी और मवेशी लाभान्वित होते हैं, बल्कि समीपवर्ती वन क्षेत्रों के वन्य जीव भी यहां आकर अपनी प्यास बुझाते हैं।

सोसायटी का यह कार्य निस्संदेह पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय पहल है, जो समाज में जागरूकता और संवेदना की अलख जगा रहा है।

मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी द्वारा वन्य जीवों के लिए पानी की व्यवस्था — प्रदेश अध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड के निर्देश पर चल रहा अभियान

राजस्थान: भीषण गर्मी के इस मौसम में जहां एक ओर इंसान गर्मी से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेजुबान वन्य जीवों, पशुओं और पक्षियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट की घड़ी में मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी एक बार फिर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए पर्यावरण और जीवों के संरक्षण के लिए आगे आई है।

पिछले कई वर्षों से गर्मियों के मौसम में यह संस्था लगातार वन्य जीवों, पर्यावरण और पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करती आ रही है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुनराम लोमरोड के निर्देशन में कार्यकर्ताओं द्वारा गांव के समीप स्थित वन्य जीव बहुल क्षेत्रों में पानी के टैंकरों द्वारा जल आपूर्ति की जा रही है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य उन बेजुबान जीवों की प्यास बुझाना है, जो गर्मी में जलस्रोत सूख जाने के कारण पीने के पानी के लिए भटकते हैं। संस्था द्वारा बनाए गए जल स्रोतों पर नियमित रूप से पानी भरा जा रहा है ताकि किसी भी जीव की मृत्यु प्यास से न हो।

अर्जुनराम लोमरोड ने बताया कि "हमारा प्रयास है कि प्रकृति का संतुलन बना रहे और इन बेजुबान जीवों को भी जीने का अधिकार मिले। यह कार्य केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि एक सेवा है जो हमें प्रकृति के प्रति करनी चाहिए।"

स्थानीय लोगों ने भी इस सराहनीय पहल की प्रशंसा की है और कई स्वयंसेवक आगे आकर इस कार्य में योगदान दे रहे हैं। यह अभियान आने वाले दिनों तक लगातार जारी रहेगा ताकि भीषण गर्मी में कोई भी वन्य जीव प्यासा न रहे

मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी राज की जल सेवा अभियान जारी

दिनांक: 24 मई 2025 | स्थान: राजस्थान

प्रचंड गर्मी के इस दौर में जब तापमान नए रिकॉर्ड बना रहा है और जल स्रोत तेजी से सूखते जा रहे हैं, ऐसे में मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी राजस्थान ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए बेजुबान जीव-जंतुओं, वन्य प्राणियों और पक्षियों के लिए जल सेवा अभियान शुरू किया है।

संस्था की प्राथमिकता इन गर्मी से जूझते प्राणियों को राहत पहुंचाना है। सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष श्री अर्जुनराम लोमरोड़ के निर्देशन में कार्यकर्ताओं की टीमें प्रतिदिन वन्य जीव बहुल क्षेत्रों, बीहड़ों, गोचर भूमि और सार्वजनिक स्थलों पर स्थित प्राकृतिक एवं कृत्रिम जल स्रोतों में नियमित रूप से टैंकरों के माध्यम से शुद्ध जल की आपूर्ति कर रही हैं।

यह अभियान न केवल पशु-पक्षियों और वन्य जीवों को जीवनरक्षक जल उपलब्ध करवा रहा है, बल्कि पेड़-पौधों को भी इस भीषण गर्मी में संजीवनी प्रदान कर रहा है। यह प्रयास जैव विविधता की रक्षा तथा पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

संस्था का यह सेवा कार्य समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना को मजबूत करता है और आमजन में प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदना की अलख जगाता है।

गौ सेवा के माध्यम से देश एवं प्रदेश की समृद्धि की कामना

दिनांक: 29 मई 2025

मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी राजस्थान द्वारा आज गौ सेवा के अंतर्गत गौ माता को हरा चारा अर्पित किया गया। इस शुभ अवसर पर संस्था ने गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए देश एवं प्रदेश की समृद्धि, शांति और खुशहाली की प्रार्थना की।

संस्था का यह सतत प्रयास न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण एवं पशुधन सेवा के प्रति जनजागरूकता को भी मजबूती प्रदान करता है।

मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी का यह कार्य समाज में सेवा, करुणा और सांस्कृतिक मूल्यों की भावना को और अधिक प्रगाढ़ करने वाला है।

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