संस्था का नाम: मानव एवम् पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी, रोटू

विधान (नियमावली)

क्र.सं.

1. विधान की धारा: संस्था का नाम

- पंजीकृत कार्यालय एवं कार्यक्षेत्र: इस संस्था का नाम मानव एवम् पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी, रोटू है व रहेगा। इस संस्था का पंजीकृत कार्यालय छाजोली रोड़, वीर तेजा कॉलेज के सामने, जायल तहसील जायल जिला नागौर है व इसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण राजस्थान तक सीमित होगा।

संस्था के उद्देश्य

1. वन्य जीवो के खाने पीने की व्यवस्था करना। एवं घायल जीवो के ईलाज हेतु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना।

2. आम जन के लिए रक्त दान, नेत्र दान व निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजन करने में सहयोग प्रदान करना।

3. महिलाओं, विधवाओ, छात्र छात्राओ, विकलांग व्यक्तियो की समय समय पर सहायता करने मे सहयोग प्रदान करना।

4. आम जनता के कल्याण के लिए प्राथमिक स्वास्थय देखभाल करने हेतु सहयोग प्रदान करना।

5. समाज में फैल रहे अंधविश्वास व सामाजिक कुरीतियों के निस्तारण करने हेतु सहयोग प्रदान करना।

6. पर्यावरण सुधार हेतु समय समय पर पेड़ पौधे लगाना।

7. सर्वधर्म में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने में सहयोग प्रदान करना एवं लोक कल्याणकारी कार्य करने में सहयोग प्रदान करना।

8. समाज में नशामुक्ति अभियान चलाने में सहयोग प्रदान करना।

9. चिकित्सा एवं स्वास्थय सुधार हेतु समय समय पर केम्पो का आयोजन करवाने में सहयोग प्रदान करना।

10. अनाथ एवं बेसहारा लोगो के खाने पीने व रहने की व्यवस्था करने में सहायता प्रदान करना।

11. वन्य जीवो कि सुरक्षा हेतु उनके लिए रहने की व्यवस्था करने में सहयोग प्रदान करना।

उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति मे कोई लाभ निहित नहीं है।

4. पंजीकृत विधान

सदस्यता:

निम्न योग्यता रखने वाले व्यक्ति संस्था के सदस्य बन सकेंगे।

1. संस्था के कार्यक्षेत्र में निवास करते हो।

2. बालिग हो।

3. पागल, दिवालीये नही हो।

4. संस्था के उद्देश्य में रूचि व अवस्था रखते हो।

5. संस्था के हित को सर्वोपरि समझते हो।

सदस्यों का वर्गीकरण:

संस्था के सदस्य निम्न प्रकार वर्गीकृत भी किये जा सकेंगे।

1. संरक्षक

2. विशिष्ठ

3. सम्माननीय

4. साधारण

सदस्यो द्वारा प्रदत शुल्क व चंदा:

डपनियम संख्या 4 में अंकित सदस्यो द्वारा निम्न प्रकार शुल्क व चंदा देय होगा।

1. संरक्षक: 1100 वार्षिक/आजन्म

2. विशिष्ठ: 500 वार्षिक / आजन्म

3. सम्माननीय: 500 वार्षिक / आजन्म

4. साधारण राशि: 100 वार्षिक उक्त राशि एक मुश्त जमा कराई जा सकेगी।

सदस्यता से निष्कासन:

संस्था के सदस्यों का निष्कासन निम्न प्रकार किया जा सकेगा :-

1. मृत्यु होने पर।

2. त्याग पत्र देने पर।

3. संस्था के उद्देषयो के विपरित कार्य करने पर।

4. प्रबंधकारिणी द्वारा दोषी पाये जाने पर।

उक्त प्रकार के निष्कासन की अपील:

15 दिवस के अन्दर लिखित में आवेदन करने पर साधारण सभा के निर्णय हेतु।

साधारण सभा

- साधारण सभा: वैध समझी जावेगी तथा साधारण सभा के बहुमत का निर्णय अन्तिम होगा। संस्था के उपनियम संख्या 5 में वर्णित समस्त प्रकार के सदस्य मिलकर साधारण सभा का निर्माण करेंगे।

साधारण सभा के अधिकार और कर्तव्य:

1. प्रबन्धकारिणी का चुनाव कराना।

2. वार्षिक बजट पारित करना।

3. प्रबन्धकारिणी द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा करना व पुष्टि करना।

4. संस्था के कुल सदस्यो के 2/3 बहुमत से विधान मे संषोधन / परिवर्तन अथवा परिवर्धन करना। (जो रजिस्ट्रार के कार्यालय मे फाईल कराया जाकर प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने पर लागू होगा।)

साधारण सभा की बैठक:

1. साधारण सभा की वर्ष में एक बैठक अनिवार्य होगी। लेकिन आवश्यकता पड़ने पर विषेष सभा अध्यक्ष या मंत्री द्वारा कभी भी बैठक बुलाई जा सकेगी।

2. साधारण सभा की बैठक का कोरम कुल सदस्य का 1/3 होगा।

3. बैठक की सूचना 7 दिन पूर्व व अत्यावष्यक बैठक की सूचना 3 दिन पूर्व दी जायेगी।

4. कोरम के अभाव में बैठक स्थगित की जा सकेगी। जो पुनः 7 दिवस पष्चात निर्धारित स्थान व समय पर आयोजित की जावेगी। ऐसी स्थगित बैठक मे कोरम की कोइ आवष्यकता नही होगी लेकिन विचारणीय विषय वही होगे जो पूर्व एजेण्डा मे थे।

5. समिति के 1/3 अथवा 15 सदस्य इनमे से जो भी कम हो, के लिखित आवेदन करने पर अध्यक्ष, मंत्री द्वारा एक माह के अन्दर अन्दर बैठक आहूत करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि मे अध्यक्ष/मंत्री द्वारा बैठक न बुलाये जाने पर उक्त 11 सदस्यो मे से कोई भी 3 सदस्य नोटिस जारी कर सकेगे तथा इस प्रकार की बैठक में होने वाले समस्त निर्णय वैधानिक व सर्वमान्य होगे।

कार्यकारिणी का गठन

संस्था के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक प्रबन्धकारिणी का गठन किया जावेगा। जिसके पदाधिकारी व सदस्य निम्न प्रकार होगें।

1. अध्यक्ष: एक

2. उपाध्यक्ष: एक

3. मंत्री/सचीव: एक

4. उपमंत्री: एक

5. कोषाध्यक्ष: एक

6. सदस्य: चार (उक्त पदों के अतिरिक्त अन्य पद या पदनाम परिवर्तन किये जावें, तो यहां अंकित करें। कम रखना चाहे तो कम रख लें)

इस प्रकार प्रबन्धकारिणी में 03 पदाधिकारी और 4 सदस्य कुल 07 सदस्य होगें।

नोट: एक सदस्य शिक्षा विभाग द्वारा मनोनीत किया जावेगा।

कार्यकारिणी का निर्वाचन

1. संस्था की प्रबन्धकारिणी का चुनाव 2 वर्ष की अवधि के लिए साधारण सभा द्वारा किया जावेगा।

2. चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा किया जावेगा।

3. चुनाव अधिकारी की नियुक्ति प्रबन्धकारिणी द्वारा की जावेगी।

कार्यकारिणी के अधिकार और कर्तव्य

1. सदस्य बनाना/निष्कासित करना।

2. वार्षिक बजट तैयार करना।

3. संस्था की सम्पति की सुरक्षा करना।

4. वैतनिक कर्मचारियों की नियुक्ति करना तथा उनके वेतन, भत्तों का निर्धारण करना व सेवामुक्त करना।

5. साधारण सभा द्वारा पारित निर्णयों को क्रियान्वित करना।

6. कार्य व्यवस्था हेतु उपसमितियां बनाना।

7. अन्य कार्य जो संस्था के हितार्थ हो करना।

कार्यकारिणी की बैठक

1. बैठक की अनिवार्यता: कार्यकारिणी की बैठक अनिवार्य होगी, लेकिन आवश्यकता होने पर बैठक अध्यक्ष या मंत्री द्वारा कभी भी बुलाई जा सकेगी।

2. बैठक का कोरम: बैठक का कोरम प्रबंधकारिणी की कुल संख्या के आधे से अधिक होगा।

3. बैठक की सूचना: बैठक की सूचना प्रायः 7 दिन पूर्व दी जाएगी, और अन्यावश्यक बैठक की सूचना समय में परिचालन से भी दी जा सकती है।

4. बैठक का स्थगितीकरण: कोरम के अभाव में बैठक स्थगित की जा सकती है। ऐसी स्थगित बैठक में कोरम की कोई आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन विचारणीय विषय वही होंगे जो पूर्व एजेंडा में थे। ऐसी स्थगित बैठक में उपस्थित सदस्यों के अतिरिक्त प्रबंधकारिणी के कम से कम दो पदाधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इस सभा की कार्यवाही की पुष्टि आगामी आम सभा में कराना आवश्यक होगा।

प्रबन्धकारिणी के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य

1. अध्यक्ष

1. बैठकों की अध्यक्षता करना।

2. मत बराबर आने पर निर्णायक मत देना।

3. संस्था का प्रतिनिधित्व करना।

4.बैठकों की आहुति करना और बुलाना।

5.संविदा और अन्य दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना।

2. उपाध्यक्ष

1. अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष के समस्त अधिकार का प्रयोग करना।

3. मंत्री

1. बैठकों की आहुति करना और बुलाना।

2. आय और व्यय पर नियंत्रण करना।

3. कार्यवाही लिखना और रिकॉर्ड रखना।

4. वैतनिक कर्मचारियों पर नियंत्रण करना और उनके वेतन और यात्रा बिल आदि पास करना।

5. संस्था का प्रतिनिधित्व करना और कानूनी दस्तावेज़ों पर संस्था की ओर से हस्ताक्षर करना।

प्रबन्धकारिणी के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य (सभी भाग)

4. उपमंत्री

(क) मंत्री की अनुपस्थिति में मंत्री पद के सारे कार्य संचालन करना।

(ख) अन्य कार्य जो प्रबन्धकारिणी/मंत्री द्वारा सौपे जाएं।

5. कोषाध्यक्ष

(क) दैनिक लेखों पर नियंत्रण करना।

(ख) वार्षिक लेखा जोखा तैयार करना।

(ग) चंदा/शुल्क/अनुदान/आदि प्राप्त कर रसीद देना।

(घ) अन्य प्रदान कार्य सम्पन्न करना।

संस्था का कोष

संस्था का कोष निम्न प्रकार से संचित होगा:

1. चंदा

2. शुल्क

3. सहायता

4. अनुदान

5. राजकीय अनुदान

(क) उक्त प्रकार से संचित राशि किसी राष्ट्रीय कृत बैंक या डाकघर में सुरक्षित की जाएगी।

(ख) अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष में से किन्ही दो पदाधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षरों से बैंक से लेन-देन संभव होगा।

कोष सम्बन्धी विषेषाधिकार

संस्था के हित में तथा कार्य और समय की आवश्यकता अनुसार निम्नलिखित पदाधिकारी संस्था की राशि एक मुश्त स्वीकृत कर सकेंगे:

1. अध्यक्ष: ₹1,00,000/-

2. मंत्री: ₹50,000/-

3. कोषाध्यक्ष: ₹21,000/-

उक्त राशि का अनुमोदन प्रबन्धकारिणी से कराया जाना आवश्यक होगा। अंकेक्षक की नियुक्ति प्रबन्धकारिणी द्वारा की जाएगी।

18. संस्था के अंकेक्षण

संस्था के सभी लेखों और जोखों का वार्षिक अंकेक्षण किया जाएगा। वार्षिक लेखा रजिस्ट्रार को संस्थाओं को प्रस्तुत किया जाना होगा।

19. संस्था के विधान में परिवर्तन

संस्था के विधान में आवश्यकता अनुसार, साधारण सभा के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से परिवर्तन, परिवर्धन या संशोधन किया जा सकता है, जो राजस्थान संस्था रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 12 के अनुरूप होगा।

20. संस्था का विघटन

यदि संस्था का विघटन आवश्यक होता है, तो संस्था की सम्पूर्ण चल और अचल संपत्ति समान उद्देश्य वाली संस्था को हस्तांतरित किया जाएगा, लेकिन उक्त सभी कार्रवाहियां राजस्थान रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 13 और 14 के अनुसार होंगी। रजिस्ट्रार को पंजीकरण रद्द करने का पूर्ण अधिकार होगा।

21. संस्था के लेखों जोखों का निरीक्षण

रजिस्ट्रार को संस्था के रिकॉर्ड का निरीक्षण और जांच करने का पूर्ण अधिकार होगा और उनके द्वारा दी गई सुझावों को पूरा किया जाएगा।

प्रमाणित किया जाता है कि उक्त विधान (नियमावली) मानव एवं पर्यावरण वेलफेयर सोसायटी, रोटू समिति/सोसायटी/संस्थान/संस्था की सही और सच्ची प्रतिलिपि है।

अध्यक्ष: अर्जुनराम मंत्री: अनिल कोषाध्यक्ष: संजू